गुरुवार, 27 जनवरी 2011

भारत बदल रहा है § क्या वाकई ?





देश की गुलामी के स्थानांतरण के बाद (अर्थात अंग्रेजो की गुलामी से निकाल कर  ...अंग्रेजियत एवं स्वार्थी नेताओ की गुलामी  में )


जिन  लोगो का जन्म हुआ है उनमें से बहुतो  का ये सोचना है की भारत बदल रहा है , अब वो लोग ऐसा क्योँ सोच रहे है वो बताता हूँ .
 ○ हमारे समाचार ,कहानियाँ , फिल्मे   देखने के लिए २००-३०० टी.वी. चैनल हो गए है  ,जो कभी कभी कुछ सही भी दिखा  देते है (भई वे भी तो इंसान ही चलते है ,धोखे से कभी कुछ भला हो जाता है )

○ भारतीय लोगो को विदेशी शराब आदि  के लिए दूर-दूर नहीं जाना पढता है ,आज भारत में लगभग सभी विदेशी शराब मिलती है |

○हमारा भारतीय रेल का तंत्र सबसे  बड़ा है ,विश्व का दूसरा सबसे बड़ा फिल्म जगत हमारा ही  है |

○ नई गाडियाँ लेने के लिए ढेर सारे विकल्प है ,अच्छी सड़के भी है ,मोबाइल फोन भी सस्ते हो गए है |
संक्षेप  में कहूँ तो उन्हें लगता है की वे  पुरे विश्व से जुड़े है ,आधारभूत सुविधाएँ बहुत विकसित हो रही है ...
देश की आर्थिक स्थिति बदल रही है (वो 8 .3↑) ..और भी बहुत कुछ |



सच  जानने के लिए ये चलचित्र देखिये |



तथ्य:
भारत के ऊपर ४१.५७ (41 .57 )लगभग 42  बिलियन का उधार है |(सौ करोड़ का एक बिलियन  )

देश की कूल कमाई का 43 % तो इसी  उधार  को थोड़ा - थोड़ा कर चुकाने में चला जाता है |

भ्रष्टाचार ...अब इस पर भी लिखने की आवश्यकता है क्या?

देश में 84 करोड़ लोग गरीब है , एक दिन में २० रु भी नहीं खर्च कर सकते (अर्जुन सेन गुप्ता )|

एक तरफ 50 लाख टन अनाज सड़ रहा है जो दो साल तक देश खा सकता है फिर भी लोग भुखमरी से मर  रहे है,स्वयं  सरकार भी सुप्रीम कोर्ट के आदेशो की भी अवहेलना हो रही है |

○देश की गरीबी पर मैं जो कुछ कहूँगा अप पहले भी सुन चुके होंगे परन्तु  ५ मिनिट निकाल इसे सुने

मेरा संदेश आप तक पहुँच जायेगा |

○विश्व में तरह तरह के फ्लू  ,एड्स , पर्यावर्णीय गर्मी आदि के बारे में बता कर आप को  मुर्ख बनाया जा रहा है |
विश्व में सबसे अधिक प्रदुषण अमेरिका करता  है दुर्भाग्य से पूरब से आने वाली हवाओ के कारण ( eastern wind current ) हमारे भारतीय महा समुद्र के ऊपर ओज़ोन परत में विशाल छिद्र हो गया है |

○ दवाइयाँ तो बहुत है पर बीमारियाँ बंद नहीं होती क्योँ की आपके डॉक्टर आपको जो दवाईयां देते है उन में से बहुत सी का कोई उपयोग नहीं होता  | भारत को केवल कम से कम 175  (डॉ .हाथी कमीशन द्वारा ) एवं अधिक से अधिक  250 दवाइयों की आवश्यकता है (विश्व स्वस्थ संगठन  द्वारा ) |

○ संयुक्त राष्ट्र विश्व की जनसख्यां के 80% को मारने की सोची है (  दस्तावेज तैयार है )
अजेंडा 21  कहा जाता है उसे |

○ वो बी टी बैगन जैसे और भी कृतिम तौर पर तैयार किये जाने वाली फसले एवं खाना भारत में दिया जायेगा ,ये जहर लोगो को मारता है |

 ○ चीन तो भारत को ३० हिस्सों में बाटना चाहता है , वो तो अभी से अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है |

○ भारत के १००० बिलियन , काले धन के बारे में तो आप ने सुना ही होगा जो की स्विस बैंको में जमा है |

पूरबी देश अपना नाभिकीय कचरा  भारत में फेकना चाहते है , जो कई सौ सालो तक  खत्म नहीं होगा और हमारे देश की मिट्टी और मिट्टी के नीचे के पानी को भी खराब कर देगा इतना की लोगो को कैंसर हो जायेगा और उन्हें पता भी नहीं चलेगा ये हुआ कैसे |



ये सब आपको जानने का अधिकार है परन्तु देश के घटियाँ  समाचार वाले जो की बीके हुए है आपको नहीं बताएंगे आपको उलझा देंगे :
इस जवाब का तुरंत उत्तर दे : " यदि एक गधे के डेढ़ सींग तो ,पांच गधो के कितने सींग "
इसका उत्तर सोचे तब तक दूसरी बात्

○ जिस तरीके से ये समाचार वाले खबरे दिखाते है उसके अनुसार तो फिल्मो ,कलाकारों एवं राजनेताओ के 
आलावा देश की जनता को और कुछ जानने के लिए है ही नहीं |

○ बार -बार बताना चाहिए की देश पर उधार है . विश्व स्तर की राजनीती में  भारत कितना दुर्बल है ,विश्व भारत के बारे में क्या सोचता है  आदि  है  |

○पर हमे दिखाया क्या जाता है की सास ने बहु को क्या किया और भी बहुत कुछ बकवास ... जब तक आप ये सब देखना बंद नहीं करेंगे ... पेट्रोल के दाम बढते रहेंगे ,लोग भूखे मरते रहेंगे क्योँ की वे लोग वो ही दिखाते है जो मसालेदार  हो और खूब लोग देखे , याद रखे ये भी अत्यधिक हानिकर भोजन की तरह है जो जिव्हा पर तो अमृत है पर पेट में जहर,वैसे ही सुनने में तो ठीक परन्तु दिमाग में केवल कचरा भरते है आपको विचार शून्य बनाते है |
जब  गधे के सींग होते ही नहीं तो उनकी गिनती से क्या अर्थ ...मैं तो आपको कुछ ही तथ्य बता पाया परन्तु आप स्वयं और भी पता कर सकते है बस थोड़ा साहस करे एवं बदलाव  के लिए तैयार रहे और लोगो को भी बताये कृपया . . . जनचेतना आवश्यक है |

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