अनुभवी वृद्ध : बेटा सुबह उठ कर तांबे के पात्र में रखा पानी पीना चाहिए,शरीर स्वस्थ रहता है |
परिवार : ये सब पुरानी भ्रामिक बाते है |
अनुभवी वृद्ध : जैतून आदि के तेल से मालिश करनी चाहिए शरीर स्वस्थ रहता है |
संकीर्ण एवं आलसी सोच : इन सब बातों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है |
अनुभवी वृद्ध : नीम आदि के पत्तों को पानी में डाल स्नान करना चाहिए |
परिवार : होता होगा आपके समय में |
....
क्या आपने संकीर्ण एवं आलसी सोच से ऊपर उठ, एसी किसी भी बात् की प्रमाणिकता जानने का प्रयास किया ?
यदि किया होता तो आपका भ्रम मिट जाता एवं इन प्राचीन बातों का आधार भी मिल जाता |
आज टी.वि. में बड़े -बड़े लोगो को पैसे दे कर कंपनियां हमे बताती है की
हमारा साबुन लो इसमें नीम ,हल्दी आदि के गुण है |
हमारा कपडे धोने का पाउडर लो इसमें निम्बू की ताकत है |
हमारे दन्त मंजन में नमक ,लौंग आदि है |
मान्यवर , ये उन विदेशी कंपनियों के लिए नई बात् हो सकती है पर हमारे लिए नहीं ...
हमारी सोच एसी हो गई है की हम नीम ,जैतून ,लौंग ,इलायची, हल्दी आदि के सार (essence,extract)
वाले सामान तो हाथो हाथ खरीद लेंगे और मूल छोड़ देंगे |
भारत के खेतो,जंगलो आदि में पैदा होने वाला सामान चन्दन ,हल्दी ...विदेशी कंपनियां औनी - पौनी कीमत में खरीदी वापस भारत को ही ऊँची कीमत में बेच देती है (और उसमें भी बहुत अनियमितता रहती है ) | जितने में आप केवल हल्दी या केसर के सार वाले सौंदर्य प्रसाधन का 3०० -४०० ग्राम के सामान खरीदेंगे उतने में तो किलो में हल्दी खरीद लेंगे केसर भी ज्यादा ही आवेगा कम नहीं |मैंने तो किसी- किसी सौंदर्य प्रसाधन के सामान को ६९९(699)रु का ५० ग्राम अर्थात 13,980रु का एक किलो का देखा है ,मुर्ख लोग उसे खरीदते भी है | अब सोचे कई हजारो किलो के साबुन के घोल में खुशबु लाने के लिए अगर 50 से ६० किलो गुलाब ,हल्दी,चन्दन आदि का सार (essence,extract) डाल भी दिया तो आपको उससे क्या फायदा होगा |
इस हमसे →उन्हें और फिर→ हमे के चक्र को तोड़ने के लिए हमे स्वयं स्वावलंबी होना ही होगा |
सोच के देखिये की अगर केवल सार से हमे इतना लाभ होता है तो मूल से लितना अधिक होगा | अगर हम अपनीआवश्यकता की चीजों के बीच से विदेशी कोप्मानियों को हटा दे तो कीमत में असाधारण कमी आयेगी एवं देश के किसानो को उचित मूल्य भी मिलेगा |
आप जो जाने अनजाने में स्वयं का एवं देश का अहित कर रहे थे ...और विदेशी कंपनियां कितना लूट रही है इसको जानने के लिए ये चल चित्र (विडियो ) देखे : चलचित्र देखे (उपदेशक राजीव दीक्षित जी )
परिवार : ये सब पुरानी भ्रामिक बाते है |
अनुभवी वृद्ध : जैतून आदि के तेल से मालिश करनी चाहिए शरीर स्वस्थ रहता है |
संकीर्ण एवं आलसी सोच : इन सब बातों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है |
अनुभवी वृद्ध : नीम आदि के पत्तों को पानी में डाल स्नान करना चाहिए |
परिवार : होता होगा आपके समय में |
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क्या आपने संकीर्ण एवं आलसी सोच से ऊपर उठ, एसी किसी भी बात् की प्रमाणिकता जानने का प्रयास किया ?
यदि किया होता तो आपका भ्रम मिट जाता एवं इन प्राचीन बातों का आधार भी मिल जाता |
आज टी.वि. में बड़े -बड़े लोगो को पैसे दे कर कंपनियां हमे बताती है की
हमारा साबुन लो इसमें नीम ,हल्दी आदि के गुण है |
हमारा कपडे धोने का पाउडर लो इसमें निम्बू की ताकत है |
हमारे दन्त मंजन में नमक ,लौंग आदि है |
मान्यवर , ये उन विदेशी कंपनियों के लिए नई बात् हो सकती है पर हमारे लिए नहीं ...
हमारी सोच एसी हो गई है की हम नीम ,जैतून ,लौंग ,इलायची, हल्दी आदि के सार (essence,extract)
वाले सामान तो हाथो हाथ खरीद लेंगे और मूल छोड़ देंगे |
भारत के खेतो,जंगलो आदि में पैदा होने वाला सामान चन्दन ,हल्दी ...विदेशी कंपनियां औनी - पौनी कीमत में खरीदी वापस भारत को ही ऊँची कीमत में बेच देती है (और उसमें भी बहुत अनियमितता रहती है ) | जितने में आप केवल हल्दी या केसर के सार वाले सौंदर्य प्रसाधन का 3०० -४०० ग्राम के सामान खरीदेंगे उतने में तो किलो में हल्दी खरीद लेंगे केसर भी ज्यादा ही आवेगा कम नहीं |मैंने तो किसी- किसी सौंदर्य प्रसाधन के सामान को ६९९(699)रु का ५० ग्राम अर्थात 13,980रु का एक किलो का देखा है ,मुर्ख लोग उसे खरीदते भी है | अब सोचे कई हजारो किलो के साबुन के घोल में खुशबु लाने के लिए अगर 50 से ६० किलो गुलाब ,हल्दी,चन्दन आदि का सार (essence,extract) डाल भी दिया तो आपको उससे क्या फायदा होगा |
इस हमसे →उन्हें और फिर→ हमे के चक्र को तोड़ने के लिए हमे स्वयं स्वावलंबी होना ही होगा |
सोच के देखिये की अगर केवल सार से हमे इतना लाभ होता है तो मूल से लितना अधिक होगा | अगर हम अपनीआवश्यकता की चीजों के बीच से विदेशी कोप्मानियों को हटा दे तो कीमत में असाधारण कमी आयेगी एवं देश के किसानो को उचित मूल्य भी मिलेगा |
आप जो जाने अनजाने में स्वयं का एवं देश का अहित कर रहे थे ...और विदेशी कंपनियां कितना लूट रही है इसको जानने के लिए ये चल चित्र (विडियो ) देखे : चलचित्र देखे (उपदेशक राजीव दीक्षित जी )
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